काफी लंबे समय से जारी बातचीत के बाद सपा और कांग्रेस के बीच सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है. कांग्रेस की तरफ से मुरादाबाद सीट की डिमांड ड्रॉप कर दी गई है. आगे का बातचीत कांग्रेस के यूपी प्रभारी और समाजवादी पार्टी के बीच जारी है. आज या कल में सीटों के बंटवारे का ऐलान हो सकता है.
काफी लंबे समय से जारी बातचीत के बाद सपा और कांग्रेस के बीच सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है. आज इसका ऐलान होगा. वाराणसी कांग्रेस के ही खाते में रहेगी. अखिलेश यादव यहां से अपना उम्मीदवार वापस लेंगे. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन होगा, जल्द गठबंधन होगा, गठबंधन में कोई दिक्कत नहीं है. आज शाम 5 बजे लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस होगी, जिसमें गठबंधन का ऐलान किया जा सकता है. कांग्रेस से प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और समाजवादी पार्टी से प्रदेश अध्यक्ष और राजेन्द्र चौधरी रहेंगे.कांग्रेस आलाकमान ने अखिलेश की दी हुई सीटों पर आखिर में सिर्फ दो बदलाव मांगे. पहला- हाथरस सपा को वापस देकर सीतापुर दी जाए. सपा ने कांग्रेस की इस मांग को मान लिया. वहीं दूसरा ये कि बुलंदशहर या मथुरा में से एक सीट सपा ले ले और कांग्रेस को श्रावस्ती दे दें. इस पर सपा ने विचार करने की बात कही है. कांग्रेस आलाकमान अब संतुष्ट है. कभी भी समझौते का ऐलान हो सकता है. दोनों पार्टियों के बीच काफी दिनों से इसको लेकर जद्दोजहद चल रही थी. आखिरकार दोनों के बीच यह मसला सुलझ गया है.
कांग्रेस को गठबंधन में 17 सीटें मिलीं
सपा ने कांग्रेस को ये 17 सीटें दी हैं- रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया. बुलंदशहर या मथुरा में से एक सीट कांग्रेस लौटा देगी और उसके बदले में श्रावस्ती लेगी. अखिलेश ने इस पर लगभग सहमति दे दी है.
बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी से आज बात की और फिर उन्होंने अखिलेश यादव से बात की है. कांग्रेस की तरफ से मुरादाबाद सीट की डिमांड ड्रॉप कर दी गई है. आगे का बातचीत कांग्रेस के यूपी प्रभारी और समाजवादी पार्टी के बीच जारी है. आज या कल में सीटों के बंटवारे का ऐलान हो सकता है. अखिलेश यादव शाम तक मुरादाबाद से लौट कर आ जाएंगे. उसके बाद फायनल राउंड की बातचीत संभव है. समाजवादी पार्टी ने वाराणसी से उम्मीदवार वापस लेने की बात कही है.
कांग्रेस ने कहा था कि सीट शेयरिंग को लेकर वह आखिर तक समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने की कोशिश करेगी. कांग्रेस का मानना है कि सामने बड़ी लड़ाई है इसलिए साथ जरूरी है. समझौता नहीं होने से दोनों को नुकसान है. कांग्रेस तो यूपी में सिफर पर है ही, मुख्य विपक्षी दल सपा भी धड़ाम होगी. मिलकर लड़ने से मोदी विरोध और अल्पसंख्यक मतदाता एकजुट होकर गठबंधन का साथ देंगे.